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Showing posts from June, 2020

Bhoot pret pidit vyakti, ki pahchan kaise karen

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भूत प्रेत मुक्ति के उपाय।। Bhoot pret pidit vyakti ki pahchan kaise Karen आज हम आपको ” Bhoot pret pidit vyakti “, की पहचान कैसे करें व मुक्ति के कुछ उपय बताने जा रहे है ! और भूत प्रेत क्या होते है ? भूत प्रेत से ग्रसित होने के क्या कारण होते है ? भूत प्रेत बाधा से कौन जल्दी पीड़ित होता है ? यह किन्ह व्यक्तियों पर जल्दी प्रभाव डालते है ? भूत-प्रेत कितने प्रकार के होते है ? आप इनसे कैसे छुटकारा पा सकते है ? पाठकों मैं आपको कुछ मंत्र व चमत्कारी टोटके भी बताने वाला हूँ ! ताबीज व धागा बनाने का मंत्र भी बताने वाला हूँ। भूत-प्रेत क्या होते हैं। पाठकों भूत-प्रेत काफी प्रकार के होते है ! इनका कोई रंग रूप नही होता ! न ही भूत-प्रेतों का कोई अस्तित्व होता है ! यह एक प्रकार की हवा होती है, कहा जाता है ! कि पहले के युगो ( सत्य यग, त्रेता युग, द्वापर युग ) मे भूत-प्रेत शरीरों के साथ होते थे ! किंतु अब कलयुग मे !इनका कोई शरीर नही होता। यह केवल एक हवा है ! भूत-प्रेत मनुष्यों के मन और शरीर पर नियंत्रण करते है ! और उन्हें अपने हिसाब से चलाते है। मनुष्यों का इस्तमाल करते है। भूत-प्रेत कितने प्रकार के होते

Durga saptashati keelakam stotram

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दुर्गा मां सप्तशती कीलकम् स्तोत्रं ।। Durga saptashati keelakam stotram   आज हम बात करने वाले है ! ” Durga saptashati keelakam stotram “, के बारे में। यह दुर्गा सप्तशती कीलकम् स्तोत्र क्या होता है ? इसका इस्तेमाल कैसे करते है। इसे आपको क्या लाभ होगा। कीलकम् स्तोत्र की महिमा क्या है ? इसका रचना किसने की थी ? यह सब बाते मैं आपको बताने वाला हूँ। दुर्गा सप्तशती कीलकम् स्तोत्र रचना इस स्तोत्र की रचना भगवान शिव ने की थी ! जब दुर्गा सप्तशती के पाठ से सब बड़ी सहजता से सिद्धियाँ प्राप्त कर लेते थे ! मां दुर्गा बहुत शीध्र ही प्रसन्न होकर वर दे देती थी ! भगवान शिव ने सोचा कोई इसका दुरुपयोग न करे। तब भगवान शिव ने इन सब बातो को ध्यान में रख कर इस स्तोत्र को कील दिया ! तब से यह स्तोत्रं कीलित कर दिया हैं ! ताकि कोई आसानी से बड़ी सिद्धीय प्राप्त न कर सकें | दुर्गा सप्तशती कीलकम् स्तोत्र महिमा सप्तशती पाठ ; करने के तुरंत बाद कीलकम् स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। अगर कोई भी ऎसा नही करता तो पाठ का पूर्ण फल प्राप्त नही होता। क्योंकि सप्तशती पाठ भगवान शिव के द्वारा कीलित है। इस लिए कीलकम् स्तोत्र का पाठ करना ब

Durga mata kavach path || हर तरफ से रक्षा होगी |

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दुर्गा मां कवच पाठ।। Durga mata kavach path   पाठकों आज हम आपको ” Durga mata kavach path ” और कीलकम् स्त्रोत्रं के बारे मे बताने जा रहे है ! दुर्गा कवच का पाठ करने से क्या फल प्राप्त होते है ? इसके पाठ करने से आप हमेशा रोगों से मुक्त रहते है। आप जहाँ भी जाएंग विजय प्राप्त होगी। मां दुर्गा सदैव आपकी रक्षा करेगी। आप किसी भी संकट मे फस गये हों। घर मे क्लेश रहता है। आपके परिवार का कोई सदस्य सदैव बिमार रहता हो, तो दुर्गा कवच पाठ करने से सब दुख दूर हो जाएंग । मां दुर्गा की सम्पूर्ण शक्ति स्वरूपा देवियाँ आपकी चारो और से रक्षा करेगी। और आपका सदैव मंगल होगा। जय मां दुर्गा । दुर्गा माता कवच पाठ, ( Durga mata kavach path ) पाठकों दुर्गा माता का कवच पाठ ! भगवान ब्रह्म जी द्वारा रचा गया था। जब महर्षि मार्कंडेय जी लोग कल्याण हेतु ! भगवान ब्रह्मा जी से पूछते है ? कि हे ब्रह्म देव मुझे ऐसा गुप्त व शक्तिशाली को ‌उपाय बताये जो आपने अब तक किसी को भी प्रकट न किया हो ? और सब का कल्याण करने वाला हो ? तब ब्रह्म जी दुर्गा कवच पाठ को बताते है ! और वह कहते है। इसे गुप्त व शक्तिशाली और कुछ नही है। जो कलयुग मे मु

Hanuman bajrang baan siddhi || हर संकट से मुक्ति

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हनुमान बजरंग बाण सिद्धि ।। Hanuman bajrang baan siddhi   पाठकों आज हम ” Hanuman bajrang baan siddhi ” के बारे मे बात करने वाले है ! कैसे बड़ी आसानी से हम हनुमान जी का बजरंग बाण सिद्ध कर सकते है ! और बजरंग बाण से हमे क्या लाभ प्राप्त होंगे ! यदि आप‌ बजरंग बाण सिद्ध कर लेते है। तो आपको बहुत सारे चमत्कार देखने को मिलेंगे। बजरंग बाण परिचय ( Hanuman bajrang baan siddhi ) हनुमान बजरंग बाण का निर्माण किसने किया था। कैसे किया था। यह कोई नही जानता। किंतु बजरंग बाण हनुमान जी को बहुत प्रिय है। बजरंग बाण को हनुमान जी का ही प्रतिरुप माना गया है। यह बहुत ही शक्तिशाली है। हनुमान बजरंग बाण के लाभ पाठकों हनुमान बजरंग बाण पाठ के एक नही अनेकों लाभ है। 1. हनुमान जी‌ की असीम कृपा प्राप्त होती है। 2. घर मे धन सम्पत्ति की कमी नही रहती। 3. बुरी शक्ति या बुरी नज़र से घर सुरक्षित रहता है। 4. कोई भी तांत्रिक क्रिया आपके ऊपर बुरा प्रभाव नही डाल सकती। यदि आपके ऊपर पहले से ही कुछ हुआ तो वह नष्ट हो जाता है। 5. आपके सब रूके हुए कार्य पूर्ण हो जाएगें। 6. आपको लोगों से मान सम्मान प्राप्त होगां। 7. आप या आपके घर क कोई

Shiv tandav stotram ।। हिन्दी अर्थ सहित

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भगवान शिव तांडव स्त्रोत्र हिन्दी अर्थ सहित ।। Shiv tandav stotram.   आज हम आपको “Shiv tandav stotram”, ! को हिन्दी अर्थ सहित बताने वाले है। शिव तांडव स्त्रोत का निर्माण कैसे हुआ था ? इसका निर्माण किसने किया था ? इसकी पूरी कहानी हम आपको बताने वाले है।   शिव तांडव स्त्रोत्र निर्माण, shiv tandav stotram पाठको़ शिव तांडव स्त्रोत्र का निर्माण रावन द्वारा हुआ था। एक समय की बात है। रावण आखेट करते हुए। भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत को उठाने का प्रयास करते है। यह कार्य रावण अपनी शक्तियों के मद् मे चूर होकर करते है। उन्हें अपनी शक्तियों पर बहुत अभिमान होता है। रावण को लगता था की उसने शक्तिशाली इस संसार मे कोई नही। किंतु भगवान शिव रावण का घमंड शीध्र ही तोड़ देते है। जब रावण कैलाश पर्वत को उठाने लगता है। तो भगवान शिव कैलाश पर्वत पर अपना पांव रख वजन बड़ देते है। रावन के दोनो हाथ कैलाश पर्वत के निचे दब जाते है। तब रावण पीड़ा से रूधन करते है। और भगवान शिव से क्षमा मांगते है। उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते है। तब रावण शिव तांडव स्त्रोत्र बोलना आरम्भ करते है। भगवान शिव रावण पर प्रसन्न हो उन्

lakh data peer sadhna।। लखदाता पीर चौंकी मंत्र

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लखदाता पीर चौंकी साधना मंत्र (कलमा) ।। lakh data peer sadhna   आज हम आपको ” lakh data peer sadhna ” ! के बारे मे बताने वाले है। हम आपको पूरी विधि के साथ लखदाता पीर जी साधना दे रहे है। आपकी साधना कैसे सफल हो सकती है। लखदाता पीर हम पर प्रसन्न हो जाए तो क्या लाभ होता है। पाठकों एक बात तो स्पष्ट है। यदि लखदाता पीर बाबा की साधना सिद्ध हो जाती है। तो आपके घर मे किसी भी चीज़ की कमी नही‌ रहेगी। आपके सारे काम‌ चुटकी बजाते ही पूरे हो जायगे। आप चाहे तो किसी की मदद भी कर सकते है। कोई भी गरीब है। उसे सट्टे का नम्बर बता कर मदद कर सकते है। लखदाता पीर परिचय लखदाता पीर जी का संबंध मुस्लिम धर्म से है ! किंतु इन्हें हिन्दू मुस्लिम सब सिर झुकाते है ! लखदाता पीर जी को सखी सुल्तान नाम से जानते है ! इन्हे लालन वाला पीर व सुल्तान पीर भी कहते है ! किंतु इनका सही नाम सय्यद अहमद सुल्तान है। पाठको पीर निगाहें इनका निवास स्थान होने के कारण, इन्हें पीर निगाहें वाला भी बोला जाता है। इनका जन्म शाहकोट पाकिस्तान मे 1120 AD (12th century) हुआ था। इनके पिता सय्यद जैनुल आबिदीन और माता आइशा जी थी।   लखदाता पीर साधना मंत्र

Rog mukti mantra totke ।। बीमारियों से मुक्ति के उपाय।

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बीमारियों से मुक्ति पाने के मंत्र, टोटके व उपाय ।। Rog mukti mantra totke   आज हम‌ आपको ” Rog mukti mantra totke “,  के बारे मे बताने वाले है। पाठकों रिसर्च मे सामने आया है ! कि आज हर तीसरा व्यक्ति रोगो से पीड़ित है। इनमे से बहुत व्यक्ति तो एक‌ से अधिक रोग से पीड़ित होंगे। वह अपने रोग उपचार के हेतु हर सम्भव प्रयास करते है। किंतु कोई लाभ नही मिलता। हम महंगे से महंगे डाक्टरो के पास इलाज करवाते है। किंतु उसे भी आपको कोई लाभ नही होता। आप पंडित, शास्त्रीयो के पास जाते है। और बहुत सारे उपाय करते है। फिर भी लाभ नही मिलता। इन्ह समस्याओं को देखकर हम‌ आपको कुछ उपाय व मंत्र बताने वाले है। इन्ह उपायो को करने के पश्चात आपको लाभ अवश्य होगा। अकारण होने वाले रोग सब्जियों को अच्छी तरह न धोने के कारण। बाहर का खाना, फास्ट फूड, या ज्यादा मसालेदार खाने से भी स्वस्थ खराब होता है। Exercise, और व्यायाम न करने‌ से भी स्वस्थ खराब होता है। कुण्डली मे‌ ग्रह दोष होने से भी हमे रोगो का सामना करना पड़ता है। कुल‌ देवी देवताओं के द्वारा भी हमे कष्ट हो सकते है। पित्तर देवताओं की कोई भूल हुई हो। या फिर उन्हे हम भूल जाए।