Surya dev shabar mantra, surya grah shanti

सूर्य ग्रह शांति शाबर मंत्र || Surya dev powerful shabar mantra

 

आज हम आपको ” Surya dev powerful shabar mantra ” के बारे में  बताने वाले हैं ! सूर्य देव को हम कैसे शांत कर सकते हैं ? जब सूर्य देव बुरे प्रभाव डालता हैं, तो क्या होता हैं |

Surya dev powerful shabar mantra

पाठकों ग्रह दशा के चलते‌ हमे बहुत सारी परेशानियों को सहना पड़ता है। नवग्रह होते है। इन सबका हमारे जीवन पर अगल अलग प्रभाव देखने को मिलता है। आज हम सूर्य ग्रह के दशा के बारे मे बताने जा रहे है। सूर्य ग्रह को‌ कैसे शांत कर सकते है। किन्ह कारणो से सूर्य ग्रह मंदा होता है। आज हम आपको एक हवन बताने वाले है। जिसे सूर्य ग्रह शीध्र शांत हो जाएगे।

सूर्य ग्रह चरित्र

पाठकों सूर्य देव के पिता महर्षि कश्यप व माता अदिति है। इन्हें श्री विष्णु भगवान के अवतार माने जाते है। सूर्य बहुत ही क्रोधित स्वाभ के है। इनकी दो पत्नियाँ थी। संज्ञा और निक्षुभा। इन्हें छाया भी बोलते है। भगवान सूर्य की दस संतानें थी।

सूर्य देव का‌ स्वाभ व जाति वर्ण

यह पुरूष जाति, रक्त वर्ण, पित्त प्रकृति तथा पूर्व दिशा का स्वामी है। यह क्रूर स्वाभ का होता है। इसे पापी ग्रह माना जाता है। यह आत्मा, आरोग्य, स्वाभ, राज्य, देवालय का सूचक और पितृकारक है।

सूर्य ग्रह से रोग विचार

इसके द्वारा शारीरिक रोग, मंदाग्रिद, अतिसार, सिरदर्द, क्षय रोग, मानसिक रोग, नेत्र विकार, उदासी, शोक, अपमान, कलह आदि का विचार किया जाता है। मेरुदण्ड, स्त्रायु, कलेजा, नेत्र आदि पर इसका विषेश प्रभाव होता है। इसका पिता सम्बन्ध मे विचार किया जाता है।

सूर्य के बुरे प्रभाव

1. विवाह मे देरी।

2. गुरु, देवता और पिता साथ छोड़ देते हैं।
3. नौकरी चली जाती है।
4. सोना खो जाना या चोरी हो जाता है।
5. अकारण क्रोध आता है।
6. घर मे अशांति बनी रहती है।

हवन सामग्री

गौघृत तथा अर्क की लकड़ी। हवन सामग्री,नवग्रह समिधा, पानी वाला नारियल, एक कलश, रोली मौली,पंचामृत,धूप दीप, हवन कुड, वस्त्र काले या नीले रंग के न हो उसके इलावा कोई भी रंग के चलेगे।

विधि

हवन करने से पहले गणेश की पूजा करे।
और पित्तर देव, कुलदेवी देवताओं, नगर खेड़ा व नवग्रह का पूजन करे। उसके पश्चात हवन आरंभ करें।

दिशाः- पूर्व, मुद्रा-हंसी, मन्त्र का 108 बार जाप करें।

Surya dev powerful shabar mantra

 

Chandra dev sidh shabar mantra, with full information

 

हवन‌ मंत्र

सत नमो आदेश । गुरुजी को आदेश । ॐ गुरुजी । सुन बा योग मूल कहे बारी बार । सतगुरु का सहज विचार ।। ॐ आदित्य खोजो आवागमन घट में राखो दृढ़ करो मन ।। पवन जो खोजो दसवें द्वार । तब गुरु पावे आदित्य देवा ।। आदित्य ग्रह जाति का क्षत्रिय । रक्त रंजित कश्यप पंथ ।। कलिंग देश स्थापना थाप लो । लो पूजा करो सूर्य नारायण की । सत फुरै सत वाचा फुरै श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै । हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै, भण्डार भरे । 7 वार, 27 नक्षत्र, 9 ग्रह, 12 राशि, 15 तिथि । सोम-मंगल शुक्र शनि । बुध-गुरु-राहु-केतु सुख करै, दुःख हरै । खाली वाचा कभी ना पड़ै ।। ॐ सूर्य मन्त्र गायत्री जाप । रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ । नमो नमः स्वाहा।

 

Mangal grah sidh shabar mantra, with vidhi

 

नियम व परहेज

ध्यान रखने योग्य बाते हवन करने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखे। जैसे की ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे। घर मे किसी भी तरहा की अशुद्ध चीजें ना रखे। मांस मदिरा का परहेज करे। प्याज लहसुन का सेवन ना करे। किसी की चुगली निंदा ना करे। अपशब्द मुख से न निकाले। अपने माता पिता का आशीर्वाद ले और उनका सम्मान करे। उन्हे अपशब्द न बोले। स्त्री पर बुरी दृष्टि न डाले।

 

Shani dev shanti sidh shabar mantra with poojan vidhi.

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