Mangal grah sidh shabar mantra, with vidhi

मंगल देव ग्रह शांति हवन व पूजन || Mangal grah sidh shabar mantra

 

पाठकों आज हम आपको ” Mangal grah sidh shabar mantra “, with vidhi के बारे में बताने वाले हैं ? यदि मंगल देव मंदा प्रभाव दे तो हमारे जीवन पर क्या असर डालता हैं ? मंगल ग्रह को हम कैसे शांत कर सकते हैं ?

 

Mangal grah sidh shabar mantra, with vidhi

आज हम मंगल ग्रह की बात करने वाले है। कि यह किस तरह से हमारे जीवन को प्रभावित करता है। जब इनकी बुरी दशा हम पर चलती है। तो क्या प्रभाव होते है। मंगल ग्रह की पीड़ा बहुत दुख देने वाली होती है। इनकी छाया मात्र से ही हमारी कुंडली मे मांगलिक योग बन जाता है। जिसके कारण हमारे विवाह मे देरी व और बहुत से संकटो का सामना करना पड़ता है। हम आपको एक शाबर मंत्र बता रहे है। जिसके द्वारा हवन करने से मंगल ग्रह शांत हो जाएगे। उनका बुरा प्रभाव भी दूर हो जाएगा। हवन व पूजन की सही विधि

 

मंगल देव का चरित्र

इनका जन्म शिव के पसीने से हुआ था। भगवान शिव और अंधक के बीच युद्ध हुआ था। तब भगवान शिव के शरीर से पसीना भूमि पर गिर जाता है।‌ भूमि देवी उसे अपने गर्भ मे धारण कर लेती है। तब मंगल ग्रह का जन्म धरती माता की गोद से होता है। इसे भौम देव भी कहते है। इन्हें भगवान शिव व धरती माता का पुत्र माना जाता है। और यह देवताओं के सेनापति भी थे। उसके पश्चात इन्हे ग्रहो मे तीसरे नम्बर पर स्थान मिलता है। यह क्रूर स्वाभ के माने जाते है।

 

मंगल ग्रह स्वाभ व जाति वर्ण

मंगल-यह ग्रह पुरूष जाति, रक्त वर्ण, दक्षिण दिशा का स्वामी, अग्नि तत्त्व वाला तथा पित्त प्रकृति का है। यह धैर्रू तथा पराक्रम का स्वामी, भाई-बहिन का कारक तथा रक्त एवं शक्ति का नियामक कारक है। ज्योतिषशास्त्र में इसे पाप ग्रह माना गया है । यह उत्तेजित करने वाला, तृष्णाकारक तथा सदैव दु:खदायक रहता है। मंगल तीसरे तथा छठे स्थानमें बली होता है, दशम स्थान में निष्फल (बलहीन) होता है।

 

मंगल ग्रह के प्रभाव से होने वाले रोग

पित्त रोग, सूखा रोग, भय, दुर्घटना, अग्नि से भय, बिजली से भय, रक्त बहना, उच्च रक्तचाप आदि।मंगल से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन ध्यान करना उत्तम होता है। ध्यान रहे कि अशुभ मंगल से धैर्य की कमी होती है, अत: किसी भी स्थिति में धैर्य बनाए रखें।

 

मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव

1. छोटी-छोटी बातो पर क्रोध आता है। तथा टोड-फोड भी कर सकता है।
2. यदि स्त्री हो तो संतान होने मे रूकावट आती है।
3. हमेशा भयवित रहता है।
4. कमजोर दिल‌का होता है।
5. अकारण ही झगड़े करता है।
6. आंखें और मुँह हमेशा लाल‌ रहता है।
7. पेट से सबंधित रोग रहते है। पेट मे गरमी, गैस तैजाब बनता है।
8. आपके शत्रु आप‌ पर भारी पड़ जाते है।

 

Budh grah sidh shabar mantra, with full information

 

विधि

हवन करने से पहले गणेश भगवान का पूजन करे। फिर गुरु पूजन। अगर आपका गुरु नही है। तो कोई परेशानी नही। फिर अपने पित्तर देवता का पूजन करे। उसके बाद कुल देवी देवताओं का पूजन करे। नगर खेड़ा, धरती माता नवग्रह का पूजन करे।

दिशा – पूर्व, मुद्रा हंसी, जाप संख्या 108 बार

 

बृहस्पति देव ग्रह शांति सिद्ध शाबर मंत्र, हवन व पूजन की सही विधि।

 

हवन सामग्री

गौघृत तथा खैर की लकड़ी। हवन सामग्री, नवग्रह समिधा, पानी वाला नारियल, पानी का कलश, रौली मौली, गणेश भगवान बनाए सुपारी से, देसी घी का दिपक, धूप।

 

शनि देव को शांत करने का सिद्ध शाबर मंत्र व हवन पूजन की सही विधि

 

हवन मंत्र

ॐ गुरुजी, मंगल विषय माया छोड़े । जन्म-मरण संशय हरै । चन्द्र-सूर्य दो सम करै । जन्म-मरण का काल । एता गुण पावो मंगल ग्रह ।। मंगल ग्रह जाति का सोनी । रक्त-रंजित गोत्र भारद्वाजी ।। अवन्तिका क्षेत्र स्थापना थापलो । ले पूजा करो नवदुर्गा भवानी की ।। सत फुरै सत वाचा फुरै श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै । हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै, भण्डार भरे । 7 वार, 27 नक्षत्र, 9 ग्रह, 12 राशि, 15 तिथि । सोम-रवि शुक्र शनि । बुध-गुरु-राहु-केतु सुख करै, दुःख हरै । खाली वाचा कभी ना पड़ै ।। ॐ भोम मन्त्र गायत्री जाप । रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ । नमो नमः स्वाहा।

 

Nathiya mai sadhana।। नथिया माई साधना

 

महत्वपूर्ण जानकारी

1. प्याज, लहसुन का सेवन न करे।
2. क्रोध व लडाई झगड़े न करे।
3. स्त्री व माता पिता का अपमान न करे।
4. किसी भी‌ स्त्री पर बुरी दृष्टि न डालें
5. ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे।
6. मास, मदिरा का सेवन न करे।
7. अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करे।

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