Chandra dev sidh shabar mantra, with full information
चंद्र (सोमदेव) ग्रह शांति हवन व पूजा की सही विधि || Chandra dev sidh shabar mantra
आज हम आपको Chandra dev sidh shabar mantra के बारे में बताने वाले हैं ! चंद्र देव के अच्छे व बुरे प्रभाव ? शाबर मंत्र से हम कैसे चंद्र देव को शांत कर सकते हैं |
पाठकों नवग्रह का हमारे जीवन मे विषेश स्थान है। इनके अच्छा व बुरे प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ते रहते है। जब ये शुभ होते है। तो हमे रंक से राजा बना सकते है। हमे हर क्षेत्र मे सफलता मिलती है। व्यापार मे वृद्धि, घर मे सुख शांति, लोगो मे मान सम्मान दिलाते है। जब मंदे होते है। तो इन्ह सब बातो के विपरीत परिणाम होते है। आज चंद्र ग्रह शांति का शाबर मंत्र बताने जा रहे है।
चंद्र देव चरित्र
भगवान चंद्र देव ऋषि अत्रि व अनुसूया के पुत्र है। ये शीतल व चंचल स्वभाव के है। इन्हें भगवान शिव ने अपने शीश पर धारण किया हुआ है। इनका स्थान ग्रहो मे दूसरे स्थान पर आता है। इनकी 27 पत्नियाँ थी। इनका हमारे मन पर विशेष प्रभाव होता है।
चंद्र देव का स्वाभ व जाति वर्ण
यह स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, जलीय तत्व, तथा पश्चिमोत्तर दिशा का स्वामी है। यह मन, चित्तवृति, शारीरिक स्वास्थ्य, सम्पत्ति, राजकीय अनुग्रह, माता पिता तथा चतुर्थ स्थान का कारक है।
चंद्र देव से रोग विचार
इसे पाण्डु रोग, कफज, जलीय रोग, मूत्रकृच्छ, मानसिक रोग, स्त्रीजन्य रोग, लिंग संबंधित, निरर्थक भ्रमण, उदर तथा मस्तिष्क सम्बंधित रोग विचार किये जाते है। यह रक्त का स्वामी होता है।
चंद्र ग्रह के बुरे प्रभाव
1. इनकी दशा से मानसिक रोग होते है।
2. दूध देने वाले जानवर मर जाते है।
3. यदि आपने घोड़ा पाल रखा हो तो उसकी मृत्यु हो जाती है।
4. माता का बीमार हो सकते है
5. घर की जल से सबंधित चीजें खराब हो जाती है।
6. महसूस करने की क्षमता क्षीण हो जाती है।
7. राहु, केतु या शनि के साथ होने से या तथा इनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र अशुभ फल देता है।
हवन सामग्री
गौघृत तथा पलाश की लकड़ी। हवन सामग्री, नवग्रह समिधा, पानी वाला नारियल, पानी का कलश, रौली मौली, गणेश भगवान बनाए सुपारी से, देसी घी का दिपक, धूप।
दिशाः- पूर्व, मुद्रा-हंसी, जाप संख्या 108 बार। यानि एक माला।
विधि
हवन करने से पहले गणेश भगवान का पूजन करे। फिर गुरु पूजन करे। अगर आपका गुरु नही है। तो कोई भी परेशानी नही। फिर अपने पित्तर देवता का पूजन करे। उसके बाद कुल देवी देवताओं का पूजन करे। नगर खेड़ा, धरती माता नवग्रह का पूजन करे। इसके पश्चात हवन शुरू कर सकते है।
Mangal grah sidh shabar mantra, with vidhi
हवन मंत्र
ॐ गुरुजी, सोमदेव मन धरी बा शून्य । निर्मल काया पाप न पुण्य ।। शशी-हर बरसे अम्बर झरे । सोमदेव गुण येता करें । सोमदेव जाति का माली । शुक्ल वर्णी गोत्र अत्री ।। ॐ जमुना तीर स्थापना थाप लो । कन्हरे पुष्प शिव शंकर की पूजा करो ।। सत फुरै सत वाचा फुरै श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै । हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै, भण्डार भरे । 7 वार, 27 नक्षत्र, 9 ग्रह, 12 राशि, 15 तिथि । मंगल रवि शुक्र शनि । बुध-गुरु-राहु-केतु सुख करै, दुःख हरै । खाली वाचा कभी ना पड़ै ।। ॐ सोम मन्त्र गायत्री जाप । रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ । नमो नमः स्वाहा
Bhairo Baba Satta Sadhna ।। भैरों बाबा सट्टा साधना
नियम व परहेज
1. ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे।
2. मास, मदिरा का सेवन न करे।
3. प्याज, लहसुन का सेवन न करे।
4. क्रोध व लडाई झगड़े न करे।
5. स्त्री व माता पिता का अपमान न करे।
6. किसी भी स्त्री पर बुरी दृष्टि न डालें।
बृहस्पति देव ग्रह शांति सिद्ध शाबर मंत्र, हवन व पूजन की सही विधि।
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