Brihaspati dev sidh shabar mantra, and vidhi
बृहस्पति देव ग्रह शांति सिद्ध शाबर मंत्र, हवन व पूजन की सही विधि। Brihaspati dev sidh shabar mantra
नमस्कार दोस्तों ! आज इस पोस्ट मे आपको ” Brihaspati dev sidh shabar mantra “, के बारे में बताने वाले हैं ! बृहस्पति देव ग्रह के, हवन पूजन की सही विधि, व इनके अशांति के कारण ? किस कारण ये हम पर अपनी बुरी दृष्टि डालते है ? और आज मैं आपको “बृहस्पति”, देव को शांत करने सही विधि बताने जा रहा हूँ ? आप इस पोस्ट को बिल्कुल अंत तक पढ़े।
बृहस्पति देव का चरित्र ?
गुरु देव देवताओं के गुरु माने जाते है ! यह बहुत बड़े ऋषि थे ! ये बहुत शांत स्वाभ के थे ! इन्हे बहुत ज्ञान प्राप्त था ! तभी इन्हें देवताओं का गुरु नियुक्त किया गया था। इनके महान कार्य को देखकर भगवान ब्रह्म, विष्णु व शिव ने इन्हें ग्रह का पद प्रदान किया था। ताकि ये सभी ग्रहो का सन्तुलन बनाकर रखे |
बृहस्पति ग्रह का स्वाभ, जाति व वर्ण ?
1.गुरू-यह ग्रह पुरूष जाति, पीत वर्ण, पूर्वोत्तर दिशा का स्वामी तथा आकाश -तत्व वाला है। यह कफ धातु तथा चर्बी की वृद्धि करता है, इसके द्वारा शोथ (सूजन), गुल्म आदि, घर, विद्या, पुत्र, पौत्र का विचार किया जाता है । इसे हृदय की शक्ति का कारक भी माना जाता है।
2.गुरू लग्न में बैठा हो तो बली होता है और यदि चन्द्रमा के साथ कहीं बैठा हो तो चेष्टाबली होता है । यह शुभ ग्रह है । इसके द्वारा पारलौकिक एवं आध्यात्मिक सुखों को विशेष विचार किया जाता है।
बृहस्पति ग्रह का बुरे प्रभाव का कारण
- माता पिता का अपमान करना। उनका आदर व सम्मान न करना।
- कन्या देवियों का सम्मान न करना।
- स्त्री की तरफ बुरी दृष्टि डालना।
- गौ माता का मारना।
- धर्म कर्म के कार्य न करना।
- पूजा पाठ न करना।
बृहस्पति ग्रह नीच का हो तो बुरे प्रभाव
- विवाह मे रूकावट।
- नौकरी न मिलना।
- शिक्षा मे रूकावट,
- कार्य मे रूकावट
- बृहस्पति ग्रह नीच का हो तो सोना (Gold) को नष्ट कर देता है।
ध्यान रखने योग्य बाते
आज मै आपको बृहस्पति ग्रह को शाबर मंत्र से कैसे शांत कर सकते हैं। वह बताने जा रहा हूँ। बृहस्पति ग्रह का आप पर जो भी बुरा , प्रभाव है। दूर हो जाएगा। आपके कार्य मे जो भी रूकावट है। वो भी दूर हो जाएगी। आपका मन शांत हो जाएगा। मै आपको जो विधि बताने जा रहा हूँ। आप वैसे ही करे कुछ भी कम या अधिक करने का प्रयास न करे। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे। मास मदिरा से दूर
रहे। प्याज लहसुन का सेवन न करे। किसी की चुगली निंदा न करे। माता पिता का आदर करे। और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे।
हवन का शाबर मंत्र
ॐ गुरुजी, बृहस्पति विषयी मन जो धरो । पाँचों इन्द्रिय निग्रह करो । त्रिकुटी भई पवना द्वार । एता गुण बृहस्पति देव ।। बृहस्पति
जाति का ब्राह्मण । पित पीला अंगिरस गोत्र ।। सिन्धु देश स्थापना थापलो । लो पूजा श्रीलक्ष्मीनारायण की करो ।। सत फुरै सत वाचा फुरै
श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै । हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै, भण्डार भरे । 7 वार, 27 नक्षत्र, 9 ग्रह, 12
राशि, 15 तिथि । सोम-रवि शुक्र शनि । मंगल-बुध-राहु-केतु सुख करै, दुःख हरै । खाली वाचा कभी ना पड़ै ।। ॐ गुरु मन्त्र गायत्री जाप । रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ । नमो नमः स्वाहा।
हवन सामग्री
गौघृत तथा पीपल की लकड़ी। हवन सामग्री, नवग्रह समिधा, पानी वाला नारियल, पानी का कलश, रौली मौली, गणेश भगवान बनाए
सुपारी से, देसी घी का दिपक, धूप दिशा पूर्व, मुद्रा-हंसी, संख्या 108 जाप
शनि देव को शांत करने का सिद्ध शाबर मंत्र व हवन पूजन की सही विधि
विधि
हवन करने से पहले गणेश भगवान का पूजन करे। फिर गुरु पूजन। अगर आपका गुरु नही है। तो कोई भी परेशानी नही। फिर अपने
पित्तर देवता का पूजन करे। उसके बाद कुल देवी देवताओं का पूजन करे। नगर खेड़ा, धरती माता नवग्रह का पूजन करे। ज्यादा
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Budh grah sidh shabar mantra with full information
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