मंगल देव ग्रह शांति हवन व पूजा का विधान व सही विधि।
मंगल देव ग्रह शांति हवन व पूजा का विधान व सही विधि।
जय महाकाल, जय महाकाली जय गुरु देव जय गुरु गोरखनाथ, ॐ साई राम, जय माता दी, जय श्री हरि, ॐ श्री गण गण पतये नम:
नमस्कार, 🙏🙏🙏🙏🙏प्रणाम।
आप सब का स्वागत है। हमारे blog सिद्ध शाबर मंत्र, वशीकरण मंत्र, मुसलमानी मंत्र व टोने टोटके मे आज इस पोस्ट मे हमने मंगल देव ग्रह की शांति का हवन व पूजन बताया है। विधि के साथ। ज्यादा जानकारी के लिए हमारी पूरी पोस्ट पढ़े। या फिर आपको वीडियो का लिंक मिल जाएगा। आप हमारे चैनल पर जाकर वीडियो देख सकते है।
मंगल ग्रह के जीवन पर बुरे प्रभाव
मंगल-यह ग्रह पुरूष जाति, रक्त वर्ण, दक्षिण दिशा का स्वामी, अग्नि तत्त्व वाला तथा पित्त प्रकृति काहै। यह धैर्रू तथा पराक्रम का स्वामी, भाई-बहिन का कारक तथा रक्त एवं शक्ति का नियामक कारक है। ज्योतिषशास्त्र में इसे पाप ग्रह माना गया है ।
यह उत्तेजित करने वाला, तृष्णाकारक तथा सदैव दु:खदायक रहता है। मंगल तीसरे तथा छठे स्थान
में बली होता है, दशम स्थान में निष्फल (बलहीन) होता है। दोस्तों आप जानते होंगे। मंगल पाप ग्रह
है। यह उग्र स्वभाव का ग्रह है। इसका बुरा प्रभाव जातक पर पड़ता है। तो उसका स्वभाव भी उग्र हो जाता है। बहुत क्रोध आने लग जाता है। क्रोध मे नुकसान भी कर देता है। बात बात पर क्रोध करना। अपनो से बड़ो का आदर न करना बहुत बुरे प्रभाव देखने को मिलते है।
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मंगल ग्रह शांति हवन पूजन व सही विधि
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