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Showing posts from August, 2020

Bhagwan shiv ardhnarishwar roop, Mahima.

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भगवान् शिव का अर्धनारीश्वर स्वरूप ।। Bhagwan shiv ardhnarishwar roop पाठकों आज हम आपको “Bhagwan shiv ardhnarishwar roop” के बारे मे बताना चाहते है। भगवान शिव और मां पार्वती के अर्धनारीश्वर की महिमा क्या है ? ये कैसे प्रकट हुए थे ? इस रूप के दर्शन करने का सौभाग्य किन्हे प्राप्त हुआ था ? भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप इस उदेश्य हेतु धारण किया था। जो लोग इस्त्री और पुरुष मे भेद करते है। नारी जाति का आदर नही करते। उन्हें अपमानित करते है।   भगवान् सदाशिव का “अर्धनारीश्वर” ! रूप परम परात्पर भगवान् शिव, और उनकी शक्ति शिवा-दोनों के अभिन्न एवं अनन्य सम्बन्ध का द्योतक है। सृष्टि के समय सदाशिव अपने ही अर्धाङ्ग से स्त्री रूपी आद्याशक्ति का सृजन (आविर्भाव) करके सृष्टि की उत्पत्ति का सूत्रपात किया- द्विधा कृतात्मनो देहमर्द्धन पुरूषोऽभवत्। अर्ध्देन नारी तस्यां स विराजमसृजत्प्रभुः॥ इस सम्बन्ध में श्री शिवपुराण की वायवीय संहिता में एक कथा आती हैं ! कि जब ब्रह्मा जी द्वारा रचित मानसिक सृष्टि से प्रजा की वृद्धि न हो सकी, तब उन्हें बढ़ा दुख हुआ ! उसी समय आकाशवाणी हुई-“हे ब्रह्मन्! अब मैथुनी सृष्टि के लिए प

Kufl, durood shareef fazeelaten, with full imfromision

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कुफ़्ल और दुरूद शरीफ के चमत्कारी प्रयोग ।। Kufl, durood shareef fazeelaten साधको आज हम आपको ” Kufl, durood shareef fazeelaten के बारे बताने वाले है। कुुफ़्ल क्या होती है ? दुरूद शरीफ क्या होता है ? इनको रोज पढने से क्या लाभ होता है। कुफ़्ल हज़रत अब्दुल्लाह बिन नामान रजि. की रिवायत के अनुसार हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है ! कि जो शख़्स हर रात को यह 6 कुफ़्ल पढ़ेगा या लिखकर अपने पास रखेगा, वह सभी बलाओं से बचा रहेगा- कुफ़्ल-1 जो शख्स रोज़ाना 1 हज़ार बार ‘अल्लाह’ पढ़ेगा, अल्लाह तआला उसे पूरा यक़ीन अता फ़रमाएगा। जो शख़्स जुमे के दिन जुमे की नमाज़ से पहले पाक-साफ़ होकर अकेले में 200 बार ‘अल्लाह’ पढ़ेगा, उसकी हर मुश्किल आसान हो जाएगी। यदि किसी मरीज़ के इलाज से डॉक्टर आजिज़ आ गए हों तो ‘अल्लाह’ का पाठ करके उसे अभिमंत्रित करें। मरीज़ अच्छा हो जाएगा बशर्ते उसकी मौत का वक़्त न आ गया हो। कुफ़्ल-2 अगर रोज़ाना 7 दिनों तक लगातार 100 बार ‘अल ख़ालिक़’ पढ़ा जाए तो शख्स हर आफ़तों से बचा रहेगा। कुफ़्ल-3 यदि रोजाना लगातार ज्यादा से ज्यादा बार ‘अलीम’ का उच्चारण किया जाए तो हक़ीक़त और उसके

Haikal ki fazeelat ।। हैकल की फ़ज़ीलत

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हैकल की फ़ज़ीलते। हैकल क्या होती है ।। Haikal ki fazeelat   पाठकों आज हम आपको Haikal ki fazeelat के बारे मे बताना चाहते है। हैकल होती क्या है ? हैकल कैसे रचित हुई थी ? हैकल का पाठ करने से क्या क्या लाभ होते है। हैकल मुस्लिम धर्म से सबंधित है। लेकिन इन्हें सब पढ़ सकते है। हर व्यक्ति इसका पाठ कर सकता है। आपको हैकल का पाठ कैसे करना है। विधि क्या है। कितने दिन करना है। सब बताने वाले है। Haikal ki fazeelat इस्लामी ग्रंथों में हैकल की फ़ज़ीलत विस्तारपूर्वक बताई गई हैं ! इनको पढ़ने और इन्हें लिखकर अपने पास रखने से जहां अनेक परेशानियां और मुसीबतें दूर हो जाती हैं ! वहीं ख़ुदा की मेहरबानियां भी हासिल हो जाती हैं ! इससे यह साबित हो जाता है ; कि ये सभी शख्स को हर आफ़त और हर बला से बचाकर, उसे अमन-सुकून, धन-दौलत तथा इज्ज़त-शोहरत प्रदान करते हैं ! इसके अलावा ये मनुष्य को बुराई से दूर रखते हैं, सद्‌कार्यों की ओर लगाते हैं ! और गुनाहों को माफ़ करा देते हैं । एक दिन अल्लाह के रसूल मुहम्मदुर्ससूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मदीना मुनव्वरा की मस्जिद में बैठे हुए थे ! तभी हज़रत जिबराईल अलैहिस्सलाम नाजिल